ज्ञान

धर्म एक दवा है
बीमारी आज है तो दवा भी आज ही चाहिए,मर कर मुर्दा दवा का क्या करेगा
दुख आज है अशांति , बेचैनी, अकेलापन,आज है तो अलाज भी आज ही चाहिए, आएं मिल कर सही धर्म को आगे बढ़ाएं। दुनिया को सत्य के प्रति जगाए,आने‌ बाली पीडी को कुछ ऐसा दे कर जाए जो उनको सभी बुराओ से दूर रखे,

कहानियों से संतुष्ट मत होइए, चीजें दूसरों के साथ कैसे हुई हैं।
अपने स्वयं के मिथक को उजागर करें। रूमी

सही ज्ञान से ही खुद की खोज सम्भव है
सही ज्ञान और समझ से ही डर का सामना किया जा सकता है और मुक्ति प्राप्त की जा सकती है। यह व्यक्ति को अधिक स्वास्थ्यपूर्ण और स्वतंत्र बना सकता है।

आसान शब्दों में हम मिलकर सीखेंगे,
धर्म क्या है
धर्म किस के लिए है
यह सब मोटे मोटे ग्रन्थ, धार्मिक किताबे किस के लिए है
और क्यो हमारे ऋषियों को, संतो को, सुफियो को
धर्म पर इतना लिखना पड़ा ।
और वह हमसे इन धार्मिक ग्रन्थों , कलामों ,कविताओं के
जरिए क्या सन्देश देना चाहते हैं
कया हम वास्तव में उसे समझते हैं जानते हैं
इन‌सब बातों की गहराई में मिल कर जाएंगे,
खोजेंगे, ढुंढेगे,एक एक शब्द में अपने जीवन की सच्चाई को
और इस संसार की सच्चाई को जानेंगे और समझेंगे,
क्या सिर्फ पुजा पाठ ही धर्म है या इससे अधिक मूल्यवान कोई बात है
जो हमारे ऋषि,हमारे संत हमारे ग्रन्थ हमें समझना चाहते हैं
जिसे जानना ही हमारे जीवन का एकमात्र उद्देश्य है,
आओ मिलकर इसको समझे,
आने‌ बाली पीडियो के लिए सही दुनिया का निर्माण करे
और अपने जीवन को बेहतर और आसान बनाएं,
इससे पहले कि जीवन खत्म हो जाएं।
जीवन अमूल्य है
कबीर साहिब कहते हैं

मानुष जन्म दुलभ है, देह न बारम्बार।
तरवर थे फल झड़ी पड्या,बहुरि न लागे डारि॥

अर्थ: मानव जन्म पाना कठिन है. यह शरीर बार-बार नहीं मिलता. जो फल वृक्ष से नीचे गिर पड़ता है वह पुन: उसकी डाल पर नहीं लगता .

~ Kabir Sahib